Thursday, 1 July 2010

कॉमनवेल्थ खेल : पानी नहीं, शराब पीजिये जनाब ! --पुनीत कुमार



जी हाँ दोस्तों, भारत की राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत और इन बढ़ते हुए शराब के ठेकों को देखकर तो ऐसा लगता है कि हमें अपने मेहमानों का स्वागत पानी से नहीं शराब से करना होगा......

जैसे जैसे कॉमनवेल्थ खेल नजदीक आते जा रहे है वैसे वैसे हमारी दिल्ली में पानी की किल्लत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है
और यह किल्लत हो भी क्यों न जहाँ-जहाँ दिल्ली के इलाको में पानी भरपूर आता है, वहां पानी को बेदर्दी से बर्बाद किया जा रहा है. और जिन इलाकों में पानी कभी-कभी आता है, वहां के लोग पानी को देखकर ऐसे बौखला जाते है कि वे पानी भरना भूल कर पानी के लिए एक दूसरे का खून बहाने लगते हैंऔर इन सब के बीच पानी बेचारा नालियों में बह रहा होता है


एक ओर पानी की यह स्थिति है वहीं दूसरी ओर समाचार यह है कि हमारी दिल्ली की माननीया मुख्यमंत्री जी अब दिल्ली में शराब के ठेकों को और बढाने में लगी हुई है
पहले से ही दिल्ली में हर कोस के बाद इतने शराब के ठेके है, और इनके बढ़ जाने के बाद तो पूरी दिल्ली में पानी मिले न मिले लेकिन शराब जरूर मिला करेगी. और अगर जल्द ही इस पानी की किल्लत को दूर ना किया गया तो, कहीं ऐसा न हो कि पूरी दिल्ली शराब के नशे में हमारे मेहमानों का स्वागत करें
वैसे देखा जाये तो, हमें पानी मिले न मिले लेकिन हमारे मेहमानों को पानी जरुर मिल जायेगा. मगर गौर करने वाली बात यह है कि कहीं मेहमानों को पानी पीते देख दिल्ली वाले उनके पीछे ऑटोग्राफ लेने के लिए तो नहीं, बल्कि पानी छीनने के लिए उनके पीछे न भाग पड़े ..........

इसलिए माननीया मुख्यमंत्री जी सबक ले लीजिये और यह मान लीजिये कि दिल्ली वासियों की प्यास इन शराब के ठेकों से नहीं, बल्कि पानी से ही बुझेगी. और दिल्ली वालो को भी समझना चाहिए है कि पानी को बर्बाद होने से रोके, नहीं तो जल्द ही सब शराब से भरे जाम लेकर घूमेंगे और कहते फिरेंगे..

और एक हो जाये....हिच्च...हिच्च....चीअर्स....

No comments:

Post a Comment